Saturday, December 4, 2010

और एक साथ जली दोनो की चिता

रायपुर॥ अस्पताल और पुलिस की लापररवाहियों की एक से एक मिसाल हैं लेकिन रायपुर के कटोरातालाब  में हुई इस घटना के कारण एसा अनोखा संयोग बना के पति-पत्नी की चिताए साथ-साथ जली।
अस्पताल से लाश लेते वक्त कमला और अंजु की लाशें आपस में बदल गई। इस दौरान अंजू के पति संजय यादव की मौत हो गई। वह अंजू को बचाते हुए जला था। उसे भी आंबेडकर अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था।
इस बीच महिला के दाह संस्कार के लिए ले जाया जा चुका था। शोकाकुल भीड़ उस समय सकते में आ गई, जब उन्हें पता चला कि जिसे वे अपने परिवार की सदस्य समझकर अंतिम संस्कार करने आए हैं वो दरअसल कोई और है।
ऐन मौके पर हकीकत सामने आने के बाद सबकी आंखें फटी रह गईं। बाद में पता चला कि आंबेडकर अस्पताल के चीरघर में लाश बदल गई है। हकीकत सामने आने के बाद शोकाकुल परिजन गुस्से से झल्ला गए। उन्होंने चीरघर के सामने अस्पताल व पुलिस प्रशासन को जमकर कोसा।
अस्पताल व पुलिस के जानकारों ने बताया कि दोनों महिलाओं की मौत जलने से हुई थी। इसी वजह से पूरी गड़बड़ी हुई। कटोरातालब निवासी अंजू यादव ने देर रात आंबेडकर अस्पताल की बर्न यूनिट में दम तोड़ा था।  
दूसरी युवती कमला बाई भी उसी यूनिट में भर्ती थी। उसकी मत गुरुवार को सुबह हुई थी। दोनों युवतियों के शव चीरघर में रखे गए थे। पहले अंजू के शव का पोस्टमार्टम किया गया। उसकी लाश परिजनों को सौंप दी गई।
दोपहर 12 बजे के बाद कमला का पोस्टमार्टम हुआ। उसका शव जब परिजनों को सौंपा गया, तब उन्हें लाश की लंबाई देखकर शंका हुई।
कमला का चेहरा बुरी तरह झुलसा नहीं था। इस वजह से उसके परिजन पहचान गए। उन्होंने चीरघर के डाक्टरों को बताया कि वह उनकी कमला नहीं है। मृतका के परिजनों से यह बात सुनते ही डाक्टर व पूरा स्टाफ सन्न रह गया।
उन्होंने आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी। सिविल लाइंस पुलिस ने अपनी फोर्स कटोरातालाब भेजी। वहां पहुंचने के बाद पता चला कि लाश को अंतिम संस्कार के लिए श्मशानघाट ले जाया जा चुका है।
पुलिस के जवान भागते हुए श्मशानघाट पहुंचे। वहां अंतिम संस्कार के लिए चिता सजायी जा चुकी थी। केवल अग्नि देने का कार्य बाकी था। पुलिस वालों ने परिजनों को हकीकत बताकर अंतिम संस्कार रुकवाया और चिता पर सजी लाश कस्टडी में चीरघर लाई गई। वहां कमला का शव उसके परिजनों को सौंपा गया और अंजू की लाश उसके रिश्तेदारों को दी गई।
इस पूरी गड़बड़ी से अंजू के रिश्तेदार खासे नाराज हुए। उन्होंने काफी देर तक चीख-चिल्लाकर अपनी नाराजगी का इजहार किया। पुलिस ने बताया कि अंजू चार दिन पहले स्टोव फटने से जली थी। दूसरी युवती कमला रजक मनेंद्रगढ़ रहवासी थी। चूल्हे में भोजन बनाते समय वह जल गई थी।
बाद मे जब परिजनों को सही शव मिले तब संजय और अंजु के शव चीरघर से एक साथ घर ले जाए गए। नए सिरे से उनकी अर्थियां सजायी गईं और एक साथ उन्हें अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।

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