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Friday, January 25, 2013

सम्मान की जीत की पूरी कहानी प्रोजेक्ट 'शक्ति'

प्रोजेक्ट शक्ति ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन’ का एक विज़नरी प्रयास है। एक बेहद यूनिक कांसेप्ट प्रोजेक्ट “शक्ति” अपने हर सदस्य को आर्थिक रूप से मजबूत होने की शक्ति तो देता ही है उनके सम्मान की सुरक्षा की भी गारंटी देता है। प्रोजेक्ट शक्ति”: ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन’ की विज्ञापन नीति है जो इससे जुड़े प्रत्येक सदस्य को प्राइवेट क्षेत्र से विज्ञापन दिलाने में सहायक होगी।

सम्मान के लिये दृढ़ संकल्पित
“लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन” ना सिर्फ सदस्यों की आर्थिक सुरक्षा के लिये कटिबद्ध है बल्कि उनके सम्मान के लिये भी दृढ़ संकल्पित है। आपका अनुभव होगा जब आप कभी संकट में पड़ॆ होंगे तब खुद को अकेले पाया होगा। कई बार अखबार प्रकाशन के दौरान जनहित के मुद्दे उठाना प्रकाशक के लिये मुसीबत बन जाता है और जब वो खुद अपने विषय में खबर छापते हैं तो उसका इतना प्रभाव नहीं होता क्योंकि एक तो वो खबर खुद अपने बारे में होती है दूसरा उस अखबार का सर्कुलेशन कम होता है।
ऐसे में अन्याय पीड़ित प्रकाशक को दोहरा दंश झेलना होता है। झूठे आरोप व अन्याय के विरूद्ध आवाज़ उठाने पर बेवजह की मुसीबत और दूसरा सम्मान पर आघात। प्रोजेक्ट शक्तिअपने हर सदस्य के सम्मान के लिये लड़ेगा। यदि किसी सदस्य को झूठे आरोप के तहत कानूनी चक्र में फंसाया जायेगा तो सच्चाई के आधार पर प्रोजेक्ट शक्तिसे जुड़े सभी सदस्य खबर छाप कर संबंधित विभाग, अधिकारी व संबन्धित मंत्रालय को भेजेंगे। इस सामूहिक खबर प्रकाशन से नि:सन्देह अकेले लड़ने वाले उस प्रकाशक की शक्ति सौ गुना बढ़ जायेगी। उसके सम्मान की जीत हो पायेगी। यकीन मानिये सामूहिक लेख और समाचार प्रकाशन का असर किसी एक बड़े अखबार में छपने वाली खबर से कई गुना अधिक होगा। लीपा अपने सदस्यों के सम्मान पर आघात नहीं होने देगी।
देश में आज आरएनआई द्वारा रजिस्टर्ड अखबारों की संख्या बयासी हजार दो सौ सैंतीस (82237)  है। जिनमें क्षेत्रिय समाचारपत्रों की संख्या अधिक है। देश के बहुत बड़े भाग में अलग-अलग भाषाओँ में समाचार पहुंचाने का काम क्षेत्रिय समाचारपत्र ही करते हैं। फिर भी विज्ञापनदाता ज्यादा सर्कुलेशन वाले कुछ चुनिंदा अखबारों में ही विज्ञापन देना पसन्द करते हैं। जबकि सच यह है कि बड़े अखबार कहलाने वाले कुछ अखबारों का टोटल सर्कुलेशन मात्र 8 करोड़ है। उनकी तुलना में यदि हम बाकि बचे क्षेत्रिय अखबारों को देंखे तो उनका सर्कुलेशन 22 करोड़ से भी ज्यादा है। इतने बड़े पाठक वर्ग को कवर करने के बावजूद भी क्षेत्रिय अखबारों को विज्ञापन नहीं मिलता। क्योंकि क्षेत्रिय समाचार पत्र अलग-अलग बिखरे हुये हैं।

आर्थिक सुरक्षा

सर्कुलेशन की समस्या आज क्षेत्रिय समाचारपत्रों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। कम सर्कुलेशन के चलते ही क्षेत्रिय समाचारपत्रों को विज्ञापन नहीं मिल पाते। विज्ञापनदाता सबसे पहला प्रश्न करता है कि आपके अखबार का सर्कुलेशन कितना है, आपके अखबार में एड देने से मुझे क्या फायदा होगा? भले ही आपका अखबार अपने क्षेत्र का सबसे प्रभावी अखबार क्यों ना हो इस प्रश्न से उस व्यक्ति का आत्मविश्वास थोड़ा जरूर हिल जाता है जो विज्ञापन लेने गया है। क्योंकि विज्ञापन लेने वाला व्यक्ति ये तो कह सकता है कि मेरा अखबार बड़ा प्रभावी है लेकिन वो विज्ञापनदाता को उसका सौ गुना लाभ नहीं दिखा सकता।
इस समस्या के समाधान के लिए ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन’ अपनी विज्ञापन नीति पर काफी समय से काम कर रही थी। अब आप प्रोजेक्ट शक्ति के माध्यम से अपने विज्ञापनदाता को सौ गुना लाभ दिला सकते हैं। ‘लीपा’ ने विज्ञापन नीति प्रोजेक्ट शक्ति को 14 सितम्बर को दिल्ली में हुई वार्षिक बैठक में पॉवर पॉइंट प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से सभी उपस्थित सदस्यों के समक्ष रखा और प्रोजेक्ट शक्ति को आप सभी का बेहद उत्साही समर्थन मिला था। तालियों की गड़गड़ाहट ने बता दिया कि प्रोजेक्ट शक्तिमें कितनी शक्ति है।
प्रोजेक्ट शक्तिकी बुनियाद
‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन’ ने प्रोजेक्ट शक्ति को कड़ी मार्केट रिसर्च के बाद डिज़ाइन किया है। आपको जानकर गर्व होगा कि आपकी एसोसिएशन: “लीपा” प्रोजेक्ट शक्ति जैसे कांसेप्ट को जन्म देने वाली देश की पहली और अकेली ऑर्गेनाइजेशन है। इस कार्य के लिये लीपा की रिसर्च टीम ने बड़ी कंपनीज़ के मार्केटिंग हैड और एमडीज़ से कई मींटिंग की और मार्केट सर्वे किये। ये सभी बड़ी कम्पनियां प्रोजेक्ट शक्ति कॉंसेप्ट से काफी प्रभावित हुई। उनका मनना है कि यदि लीपा अपने इस कॉंसेप्ट को आगे बढ़ा पायी तो निश्चित ही हमारी ये धारणा बदल जायेगी कि हमें अपने विज्ञापन का लाभ केवल बड़े अखबारों से ही मिल सकता है।
रिसर्च में सामने आया कि किसी भी विज्ञापनदाता कंपनी का विज्ञापन देने का एक ही उसूल होता है कि वह अपना विज्ञापन उस माध्यम से करे जिसकी पहुंच अधिक से अधिक हो, जिसका उसे लाभ अधिक मिले और उसकी कॉस्ट कम हो। इस सिद्धांत को कॉर्पोरेट भाषा में “हाई रीच इन लो कॉस्ट” कहते हैं। यही आज हर विज्ञापनदाता की सबसे बड़ी जरूरत है।
ठीक इसी तरह वो अपने सामान को बेचने के लिये एक एरिया निर्धारित करते हैं जहां उनके उत्पादन का इस्तेमाल करने वाले अधिक से अधिक लोग रहते हों। एरिया के आधार पर वो प्रचार माध्यम तय करते हैं। उदाहरण के लिये बाघ बकरी चाय गुजरात का एक फेमस ब्रांड है। तो इसके प्रचार के लिये एडवर्टाइजर गुजरात के अखबारों का चुनाव करेगा। वो ऐसे अखबार को विज्ञापन के लिये चुनेगा जो बाघ बकरी चाय के प्रचार को घर घर पहुंचा सके। प्रोजेक्ट शक्तिके माध्यम से हमें घर घर पहुंचने वाला अखबार बनना है।
प्रोजेक्ट शक्ति
प्रोजेक्ट शक्ति किसी भी विज्ञापनदाता को हाई रीच इन लो कोस्ट देने में सक्षम है। लीपा में वर्तमान में 2200 से अधिक सदस्य हैं। इनमें 500 सर्कुलेशन से लेकर 75000 और उससे भी ज्यादा सर्कुलेशन वाले अखबार/पत्रिका सदस्य हैं। इतना ही नहीं इनकी भाषा भी अलग अलग हैं और अवधि भी। प्रोजेक्ट शक्ति इन सभी अखबारों के अलग अलग सर्कुलेशन को एक जगह कम्बाइंड करेगा।
अतः प्रोजेक्ट शक्ति के तहत किसी भी एडवरटाइज़र को विज्ञापन देना किसी सौ गुना मुनाफे का सौदा होगा। प्रोजेक्ट शक्तिकी विशेषता यह है कि इस के तहत विज्ञापनदाता को विज्ञापन छपवाने के लिये केवल एक पब्लिशर को भुगतान करना होगा और प्रोजेक्ट शक्तिसे जुड़े अन्य सदस्य उस विज्ञापन को नि:शुल्क छापेंगे। इस तरह उसका विज्ञापन देश भर में विभिन्न भाषाओं में छपेगा जो महीने भर तक अलग-अलग पीरियोडिसिटी के माध्यम से विज्ञापनदाता तक पहुंचता रहेगा।
इस तरह प्रोजेक्ट “शक्ति” से जुड़े कम सर्कुलेशन या किसी भी पीरियोडिसिटी (वीकली, फोर्टनाइटली, मंथली) वाले पब्लिशर मेम्बर भी विज्ञापन लेने जाएंगे तो उनका आत्मविश्वास बढ़ा रहेगा। वो कह सकते हैं कि मेरे अखबार में विज्ञापन देने पर मैं यह विज्ञापन सौ अन्य अखबारों में नि:शुल्क छपवा सकता हूं जिसके लिये विज्ञापनदाता को कोई भुगतान नहीं करना होगा।
प्रोजेक्ट शक्तिके सदस्य पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि एक विज्ञापन के भुगतान के बदले सौ अन्य अखबारों में फ्री विज्ञापन छपवाने की अथॉरिटी केवल मेरे पास है क्योंकि मैंप्रोजेक्ट शक्ति का हिस्सा हूं। साथ ही यह बात भी विषेश बल देकर बतायी जा सकती है कि प्रोजेक्ट शक्तिके अंतर्गत अखबार में छपने वाला विज्ञापन देश भर में कई अखबारों में कई भाषाओं में नि:शुल्क छपेगा जिसकी अवधि भी अलग अलग होगी।
विज्ञापनदाता से ऐसा वादा करने के लिए प्रोजेक्ट शक्ति से जुड़े सभी सदस्य स्वतंत्र होंगे और किसी एक सदस्य द्वारा लिया गया विज्ञापन सभी सदस्यों को छापना अनिवार्य होगा। इस तरह सभी सदस्यों को विज्ञापन मिलना सुलभ हो जायेगा। निःसंदेह प्रोजेक्ट शक्ति से जुड़ने के बाद की 5 सौ कॉपी छापने वाले प्रकाशक से लेकर 50 हजार कॉपी छापने वाले प्रकाशक तक सभी की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
कैसे पहुंचेगा विज्ञापन
“लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन” का कोई भी सदस्य प्रोजेक्ट शक्ति के अंतर्गत विज्ञापन ले कर सीधे लीपा को भेज सकता है, जिसके बाद वह विज्ञापन लीपा की वेबसाईट पर जारी कर दिया जाएगा जहाँ से सभी सदस्य वह विज्ञापन लेकर अपने अखबारों में प्रकाशित कर सकते हैं। साथ ही विज्ञापन लेने वाले प्रकाशक सदस्य और विज्ञापनदाता की डीटेल भी वेबसाइट पर जारी होगी। इस विज्ञापन नीति को अपनाने वाले सदस्य किसी भी साइज़ में विज्ञापन लेने के लिये स्वतंत्र होंगे। एड कलर या ब्लैक एंड व्हाइट भी हो सकता है। अलग-अलग सदस्य अपने अखबार में बची हुई जगह की उपलब्धता के अनुसार अलग-अलग साइज़ में विज्ञापन छाप सकते हैं।
प्रोजेक्ट शक्तिमें शामिल होने के नियम
प्रोजेक्ट शक्ति का हिस्सा बनने के लिये इच्छुक सभी सदस्य सर्वप्रथम लीपा की वेबसाइट पर जारी होने वाले काम्प्लीमेंट्री (बिना भुगतान) विज्ञापन प्रकाशित करके उसकी एक प्रति लीपा कार्यालय और दूसरी प्रति विज्ञापनदाता और तीसरी कॉपी विज्ञापन लेने वाले प्रकाशक के पास डाक द्वारा भेंजे। यह अनिवार्य है। प्रकाशक सदस्य प्रोजेक्ट शक्ति के विषय में  अपने एरिया के विज्ञापन दाताओं को भी समझा सकते हैं। प्रोजेक्ट शक्ति से जुड़ॆ नियमित सदस्य खुद भी काम्प्लीमेंट्री (बिना भुगतान) या पेड विज्ञापन ले सकते हैं जिसे सभी सदस्य अनिवार्य रूप से छापेंगे।
प्रोजेक्ट शक्ति के तहत पेड विज्ञापन लेने के लिये मिनिमम 5000 रूपये का विज्ञापन होना जरूरी है। अधिकतम इसकी संख्या कितनी भी हो सकती है।
कॉम्पलीमेंट्री एड प्रकाशक अपनी सुविधा के अनुसार साइज़ और कलर या ब्लैक एंड व्हाइट छाप सकते हैं। परंतु यह केवल सीमित समय के लिये है।
असंभव को संभव बनाना
प्रोजेक्ट शक्तिअसंभव से लगने वाले कार्य को बड़ी आसानी से संभव बना सकता है। विज्ञापनदाता इस कॉंसेपेट को सुनकर सुखद आश्चर्य में हैं। उनका मानना है कि क्या ऐसा संभव है कि उनका एड फ्री में सौ अखबारों में छप सकता है जिसके लिये उन्हें भुगतान केवल एक विज्ञापन के लिये करना है। कॉम्पलीमेंट्री एड इसी बात को सिद्ध करने के लिये जारी किये जा रहे हैं। शुरूआत में ये एड लगातार जारी होते रहेंगे। क्योंकि कई त्रैमासिक पत्रिका भी जो लीपा के सदस्य हैं, प्रोजेक्ट शक्तिका हिस्सा बनना चाहती हैं। और एडवर्टाइज़र भी इस बात को पुख्ता करना चाह्ते हैं कि क्या वाकई उनका एड रेगुलर छपेगा। इसके लिए प्रोजेक्ट शक्तिजब लगातार विज्ञापन छापेंगे तो उन्हे यकीन हो पायेगा।
आप अपने क्षेत्र के विज्ञापनदाता को भी प्रोजेक्ट शक्तिसे प्रत्यक्ष रूप से परिचित कराने के लिये कॉम्पलीमेंट्री एड ले सकते है। प्रोजेक्ट शक्तिसे जुड़े सभी सदस्य जितनी जल्दी इस कांसेप्ट को एडवरटाइजर के मन में बैठा देंगे उतनी जल्दी उन्हे इसका लाभ मिलने लगेगा। आपको प्रोजेक्ट शक्तिको इस तरह समझा देना है कि अगर आपके इलाके का एडवरटाइज़र एड देना चाहे तो उसके दिमाग में पहला नाम प्रोजेक्ट शक्तिही आये।
प्रोजेक्ट शक्ति में जुड़ने के लाभ
आपको अनुभव होगा जब आप किसी विज्ञापनदाता के पास गये होंगे तो आप में कहीं ना कहीं एक याचक का भाव रहा होगा। क्योंकि विज्ञापनदाता का सबसे पहला सवाल होता है कि ‘आपके अखबार का सर्कुलेशन कम है’‘मैंने कभी आपका अखबार नहीं देखा’ या ‘मेरे उत्पादन का प्रयोग करने वाले लोगों तक आपका अखबार नहीं पहुंचता’ इसलिये आपको विज्ञापन देकर मुझे कोई फायदा नहीं। प्रोजेक्ट शक्ति का हिस्सा बन कर आप इन सभी सवालों का जवाब बड़े गर्व के साथ दे सकते हैं और वो भी अपने अखबार के सही सर्कुलेशन के साथ।
प्रोजेक्ट शक्ति आपको बड़े विज्ञापनदाता से बात करने के लिये ‘टॉकिंग पॉइंट’ देता है। पहले आपके पास उससे बात करने का कोई विषय नहीं था। परंतु अब आप उसे उसका सौ गुना फायदा दिखा सकते हैं। आप खुद अपने एरिया के विज्ञापनदाता को प्रोजेक्ट शक्ति से परिचित करवाये उसे लाभ पहुंचाये। अगली बार आप उससे अच्छा विज्ञापन लेने की स्थिति में बिना किसी प्रयास के आ जायेंगे। प्रोजेक्ट शक्ति आपके आत्मविश्वास और सम्मान को बढ़ायेगा।
एसोसिएशन को आपका योगदान
विज्ञापन लेने वाले प्रत्येक सदस्य को उस विज्ञापन की आय का मात्र 15 प्रतिशत भाग लीपा के कोष में सहयोग राशि के रूम में जमा कराना होगा। इस धन का उपयोग लीपा अपने सदस्यों के कल्याण के लिये करेगी। आपके इस योगदान से एसोसिएशन मजबूत होगी और प्रकाशकों के हित में और अधिक काम कर सकेगी।
लीपा की विज्ञापन डायरेक्ट्री
जो सदस्य लगातार काम्प्लीमेंट्री विज्ञापन नियमित प्रकाशित करेंगे उनके नाम लीपा की विज्ञापन डायरेक्ट्री में उनकी पूरी डीटेल के साथ छापे जायेंगे। यह डायरेक्ट्री बड़ी विज्ञापन कंपनीज़ को भी भेजी जायेगी ताकि वो प्रोजेक्ट शक्ति से जुड़े सदस्यो से परिचित हो सकें और विज्ञापन जारी करने के लिये उन्हें खुद भी बुला सके।
प्रोजेक्ट शक्तिकी चुनौतियां
प्रोजेक्ट शक्ति को एडवरटाइज़र से भलीभांति परिचित करवाना प्रोजेक्ट शक्ति से जुड़े सभी सदस्यों की भी जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा सही समय पर एड प्रकाशित करके पहुंचाना भी सदस्यों की जिम्मेदारी है। यदि इस प्रोजेक्ट को एक बार आपने ठीक से समझ लिया तो यह एक वरदान की तरह काम करेगा जो निश्चित ही प्रोजेक्ट शक्ति से जुड़े सभी सदस्यों की आर्थिक उन्नति को सुनिश्चित करेगा।
प्रोजेक्ट शक्ति से जुड़े प्रश्न
कई लोगों के मन में प्रश्न है कि प्रोजेक्ट शक्ति अपनी पारदर्शिता कैसे बनाये रख सकेगा। हो सकता है कि कोई सदस्य विज्ञापन के विषय में ‘लीपा’ से गलत जानकारी शेयर करें, मसलन विज्ञापन 50,000 का ले और बतायें 10,000 का ऐसे में लीपा को नुकसान और किसी एक पब्लिशर को फायदा होगा।
ऐसे में ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन’ का क्लीयर स्टैंड है कि लीपा को अपने सभी सदस्यों पर पूरा भरोसा है क्योंकि लीपा का प्रथम और अंतिम लक्ष्य अपने सदस्यों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है।
इसके अलावा कुछ सदस्यों ने जिन्होंने एजीएम नहीं अटैंड किया था उनका पूछना है कि अगर उसने एड ले लिये और वादा कर दिया कि यह विज्ञापन सौ अन्य अखबारों में फ्री छपेगा और ऐसा नहीं हुआ तब उसकी क्रेडिबिलिटी का क्या होगा। ऐसे में हमारा उत्तर है कि सभी प्रकाशक जिम्मेदार हैं और प्रोजेक्ट शक्तिके अंतर्गत एक ना एक दिन सभी को विज्ञापन लेना होगा हमें विश्वास है ऐसे में सभी एक दूसरे का विज्ञापन पूरी पार्दर्शिता और ईमानदारी से छापेंगे।
प्रोजेक्ट शक्तिसे जुड़ॆ अन्य सवाल
@ प्रश्न: प्रोजेक्ट शक्ति के अंतर्गत मैं कितने तक का विज्ञापन ले सकता हूं?
उत्तर  प्रोजेक्ट शक्तिके अंतर्गत आप कितने भी रूपये का विज्ञापन लेने के लिये स्वतंत्र हैं लेकिन   मिनिमम 5000 का विज्ञापन लेना अनिवार्य है।
@ प्रश्न: विज्ञापन लेने के बाद R. O. किसके नाम में बनेगा?
उत्तर R.O. विज्ञापनदाता के नाम से बनेगा।
@ प्रश्न:  क्या प्रोजेक्ट शक्तिसे जुड़ा कोई भी प्रकाशक सदस्य कॉम्पलीमेंट्री एड ले सकता है?
उत्तर हाँ, प्रोजेक्ट शक्ति से जुड़े लीपा के सभी सदस्य कॉम्पलीमेंट्री एड ले सकते हैं क्योंकि कॉम्पलीमेंट्री एड लेने का उद्देश्य विज्ञापनदाता को भरोसा दिलाना है कि आप उनका विज्ञापन 100 से अधिक अखबारों में नि:शुल्क छपवा सकते हैं। कॉम्पलीमेंट्री एड किसी बड़ी कम्पनी का ही लं< तो अधिक लाभदायी होगा।

@ प्रश्न:   प्रोजेक्ट शक्ति के अंतर्गत कोई एक प्रकाशक कितने कांप्लीमेंट्री एड ले सकता है?
उत्तर इस विषय पर आप खुद समझदारी से काम लेते हुए कम से कम कॉम्पलीमेंट्री एड लें ताकि आपको और अन्य सदस्यों को कॉम्पलीमेंट्री एड प्रकाशित करने में असुविधा ना हो। यदिप्रोजेक्ट शक्तिके सभी सदस्य भी एक-एक कॉम्पलीमेंट्री एड लेते हैं तो कॉम्पलीमेंट्री एड की संख्या सौ होगी। परंतु जब सभी विज्ञापनदाताओं के पास प्रोजेक्ट शक्तिके माध्यम से इस तरह विज्ञापन पहुंचेगा तो नि:संदेह उनका विश्वास प्रोजेक्ट शक्तिमें बढ़ेगा और प्रोजेक्ट शक्तिसे जुड़ॆ सदस्यों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
@ प्रश्न:  विज्ञापन सभी प्रोजेक्ट शक्तिसे जुड़ॆ सभी सदस्यों तक कैसे पहुंचेगा?
उत्तर विज्ञापन लेने के बाद प्रधम चरण में आपको यह विज्ञापन “लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोएशन” को भेजना होगा। साथ ही अपनी और विज्ञापनदाता की डीटेल भी भेंजे। आपके द्वारा दिये गये एड और सभी जानकरी को लीपा की वेबसाइट www.lipa.co.in पर प्रकाशित किया जाएगा यहां से प्रोजेक्ट शक्ति से जुड़े सभी सदस्य एड लेकर अपने अखबार एवं पत्रिका में पब्लिश करेंगे। तथा सभी सदस्य प्रकाशित एड की एक प्रति ‘लीपा’ कार्यालय एक प्रति विज्ञापनदाता और एक प्रति विज्ञापन लेने वाले सदस्य को भेंजेंगे।
@ प्रश्न:  क्या मैं छोटे विज्ञापनदाता से भी विज्ञापन ले सकता हूं?
उत्तर हाँ, परंतु विज्ञापन मिनिमम 5000 रूपये का होना चाहिये।
@ प्रश्न:  लीपा और कितने कॉम्प्लीमेंट्री एड जारी करेगी?
उत्तर लीपा दिसम्बर तक बड़ी कम्पनीज़ के कुछ और कॉम्प्लीमेंट्री एड जारी करेगी।
@ प्रश्न:  क्या प्रोजेक्ट शक्तिके तहत दूसरे सदस्यों के द्वारा लिया एड छापना अनिवार्य है?
उत्तर हाँ, प्रोजेक्ट शक्ति के सभी सदस्य एक दूसरे के विज्ञापन को अनिवार्य रूप से छापेंगे।
@ प्रश्न:  प्रोजेक्ट शक्तिसे जुड़े सदस्य लीपा को किस तरह सहयोग करेंगे?
उत्तर विज्ञापन लेने वाले प्रत्येक सदस्य को उस विज्ञापन की आय का मात्र 15 प्रतिशत भाग लीपा के कोष में सहयोग राशि के रूम में जमा कराना होगा। इस धन का उपयोग लीपा अपने सदस्यों के कल्याण के लिये करेगी।

Friday, September 9, 2011

Send Newspaper and Rate card to get Ads.

'Lead India Publishers Association’ is consistently working for the benefit of publishers.  Our primary objective was to develop a system for publishers in which all members get enough advertisement for their newspapers.  'Lead India Publishers Association’ (LIPA) is committed to that objectives.
Ahead in this direction, 'Lead India Publishers Association’ is preparing an advertisement directory. We are sure to bring all members listed in this advertising directory to get adequate ads.
(For LIPA Members) Process to be Listed in Directory:Send your One Newspaper, Rate Card, LIPA Membership Code and Covering Letter  to get advertisement at LIPA’s address.
'Lead India Publishers Association’
Advertisement: Rana Complex, 1 / 15, third floor,
Lalita Park, (Near Gurudwara), Laxmi Nagar,
New Delhi - 110092 Phone:  011-43015161
(For Non LIPA Members) Process to be listed in Directory:If you are not a member of ‘Lead India Publishers Association’ than click on below link to get free membership of LIPA  http://lipa.co.in/index.php?option=com_ckforms&view=ckforms&id=1&Itemid=30 Within 24 hours your membership will be confirmed and you will get Membership code.   After membership confirmation, Send your One Newspaper, Rate Card, LIPA Membership Code and Covering Letter to get advertisement at LIPA’s address.
'Lead India Publishers Association’
Advertisement: Rana Complex, 1 / 15, third floor,
Lalita Park, (Near Gurudwara), Laxmi Nagar,
New Delhi - 110092 Phone:  011-43015161
Note: We request to all members to get listed in directory very sooner because first phage will be immediately closed after the completion of premeditated numbers.  Second phage will be start in October 2012. Members are requested to send only one title to be list in directory.

विज्ञापन के लिए भेजें अखबार और रेटकार्ड

‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन’ प्रकाशकों के हित के लिए लगातार निशुल्क और उल्लेखनीय कार्य कर रही है। ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन’ के प्रारम्भिक उद्देश्यों में प्रकाशकों के लिए ऐसी प्रणाली विकसित करना भी था जिसमें सभी सदस्यों को उनके अखबार के लिए पर्याप्त विज्ञापन (निजि क्षेत्रों से) हमेशा उपलब्ध रहे। लीपा अपने द्वारा निर्धारित किए गए उद्देश्य पर कटिबद्ध है।

इसी दिशा में आगे बढते हुए ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन’ अपने सभी सदस्यों को विज्ञापन उपलब्ध कराने के लिए एक डायरेक्टरी तैयार कर रही है। इस डायरेक्टरी में लिस्टेड सभी सदस्यों को विज्ञापन दिलवाने की सुनिश्चित व्यव्स्था होगी।
लीपा सदस्यों के लिए प्रक्रिया: 
हमारे सदस्य अपने अखबार की एक प्रति, रेट कार्ड, लीपा मेम्बरशीप कोड और विज्ञापन पाने हेतु एक कवरिंग लैटर लगाकर ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन’ के कार्यालय में निम्नलिखित पत्ते पर भेजें।
लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशनविज्ञापन: राणा कॉम्प्लेक्स, 1/15, तृतीय तल,ललिता पार्क, (निकट गुरूद्वारा) लक्ष्मी नगर,नई दिल्ली- 110092 फोन: 011-43015161

जो लीपा सदस्य नहीं है उनके लिए प्रक्रिया:

यदि कोई प्रकाशक अभी लीपा के सदस्य नही हैं, तो आप लीपा के वेबसाइट की इस लिंक पर क्लीक कर http://lipa.co.in/index.php?option=com_ckforms&view=ckforms&id=1&Itemid=30 निशुल्क सदस्यता फॉर्म भर सकते है। 24 घंटे के अंदर आपकी सदस्यता सुनिश्चित कर दी जायेगी। सदस्यता  सुनिश्चित होने के उपरांत जो आपको कोड मिलेगा, उसकी कॉपी, आपके अखबार की एक कॉपी, रेटकार्ड और विज्ञापन पाने हेतु एक कवरिंग लैटर लगाकर ‘लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिएशन’ के कार्यालय में निम्नलिखित पत्ते पर भेजें।
लीड इंडिया पब्लिशर्स एसोसिऐशनविज्ञापन: राणा कॉम्प्लेक्स, 1/15, तृतीय तल,ललिता पार्क, (निकट गुरूद्वारा) लक्ष्मी नगर,नई दिल्ली- 110092 फोन: 011-43015161
नोट: सभी सदस्यों से अनुरोध है कि विज्ञापन हेतु अपने अखबार को डायरेक्टरी में लिस्टेड कराने की प्रक्रिया जल्द पूरी करें क्योंकि विज्ञापन डायरेक्टरी में निर्धारित संख्या पूरी होने के बाद प्रथम चरण को बंद कर दिया जाएगा। विज्ञापन डायरेक्टरी में लिस्टेड होने के लिए दूसरे चरण की प्रक्रिया अगले वर्ष अक्टूबर में शुरू की जाएगी। सदस्यों से अनुरोध है कि एक प्रकाशक अपने एक ही अखबार को लिस्ट कराने के लिए नाम भेंजे।