Wednesday, June 29, 2011

डीएवीपी इम्पैनलमेंट: आवेदन देने से पूर्व ध्यान देने योग्य बातें


प्रिय प्रकाशकों, यदि आप भी अपने आखबार अथवा पत्रिका के लिए डीएवीपी में इम्पैनल्ड करवाना चाहते हैं तो निम्नलिखित बातों का विषेश ध्यान रखें। यह डीएवीपी की ‘नई विज्ञापन नीति 2007’ के अनुरुप है।

पैनल में शामिल करने के लिए मानदण्ड:
1. क्षेत्रिय भाषाओं जैसे कि डोगरी, बोडो, गढ़वाली, कश्मीरी, खासी, कोंकणीं, मैथिली, मणीपुरी, मिजो, नेपाली, राजस्थानी, संस्कृत, संथाली, सिन्धी, उर्दू एवं राज्य सरकारों द्वारा प्रमाणित जनजातीय भाषाओं के समाचारपत्रों को विषेश प्रोत्साहन देने के लिए या जम्मू एवं कश्मीर, अण्डमान एवं निकोबार द्वीप समूहों तथा उत्तर-पूर्व राज्यों में प्रकाशित समाचारपत्रों को छ: माह के नियमित एवं अबाधित प्रकाशन के पश्चात सूचीबद्धता हेतु विचार किया जा सकता है। सभी क्षेत्रीय एवं अन्य भाषाई लघु एवं मध्यम समाचारपत्रों के मामले में अहर्ता अवधि 18 माह की रहेगी।

2. एक लाख एवं अधिक की प्रसार-संख्या वाले व्यापक परिचालित समाचारपत्रों की पाठक कार्यक्षमता का लाभ उठाने के लिए ऐसे समाचारपत्रों को प्रकाशन की एक वर्ष की अवधि क् बाद सूचीबद्धता के लिए पात्र बनाया जाएगा। ऐसे समाचारपत्रों के प्रसार संख्या सबंधी दावे को तभी स्वीकार किया जाएगा जब वे आर एन आई या एबीसी द्वारा प्रमाणित होंगे।

3. उन्हें प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 के उपबंधों का अनुपालन करना होगा। 3. विगत छ: वर्षों में डीएवीपी ने उन्हे अयोग्य घोषित ना किया हो और न ही उनकी तरफ डीएवीपी की कोई लेनदारी बकाया हो।

4. अयोग्यता की अवधि छ: साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।

5. उन्हें आवेदन के साथ भारतीय समाचार पत्रों के पंजीयक के कार्यालय द्वारा अस्थापित घोषित न किया गया होना चाहिए।

6. आवेदक को भारतीय समाचार पत्रों के पंजीयक द्वारा प्रकाशन के नाम जारी पंजीकरण की प्रति भी प्रस्तुत करनी होगी।

7. पैनलबद्ध होने के लिए वांछित विवरण जैसे समाचारपत्र का आकार, भाषा, आवधिकता, प्रिंट ऐरिया तथा प्रिंटिंग प्रेस आदि का ब्यौरा भी दिया जाना चाहिए।

8. मुद्रित सामग्री तथा फोटोग्राफ सुपाठ्य, स्वच्छ व स्पष्ट हो तथा धब्बे, दोहरी छपाई और काट-छांट से रहित होनी चाहिए।

9. इसमें अन्य अंको से समाचार सामग्री अथवा लेखों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।

10. इसमें अन्य पत्र- पत्रिकाओं से समाचार सामग्री अथवा लेखों की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।

11. इसके मुखपत्र पर समाचारपत्र का शीर्षक ( मास्टहैड) और प्रकाशन का स्थान, तिथि तथा  दिन मुद्रित होना चाहिए, इसमें भारतीय समाचारपत्रों के पंजीयक के कार्यालय की पंजीकरण संख्या, खण्ड एवं अंक संख्या , पृष्ठों की संख्या तथा समाचारपत्र-पत्रिका का मूल्य  भी मुद्रित होना चाहिए।

12.समाचारपत्र में प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण अधिनियम के अंतर्गत प्रिंट लाइन मुद्रित होनी चाहिए। (च) अन्दर के पृष्ठों में पृष्ठ संख्या, पृष्ठ शीर्षक तथा प्रकाशन तिथि मुद्रित होनी चाहिए। अनेक संस्करणों वाले समाचारपत्रों के लिए प्रकाशन का स्थान भी अन्दर के पृष्ठों में छपा होना चाहिए।

13. सभी प्रकाशनों में संपादकीय मुद्रित होना चाहिए।

नोट: पैनल में शामिल होने/दर नवीनीकरण के लिए आवेदन देने से पहले प्रकाशक को सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि नेति में दी गई सभी शर्तों को उनका प्रकाशन पूरा करता हो। आवेदन पत्र सभी दृष्टि से पूरा होना चाहिए। अपूर्ण  आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जाएगा।
पैनल में शामिल होने के लिए आवेदन एक वर्ष में दो बार ही किया जा सकता है- पहली बार फरवरी के अंत में तथा द्सरी बार अगस्त के अंत में। फरवरी अंत से पूर्व किए गए आवेदन पर उसी वर्ष के माह में  विचार किया जाएगा तथा उनका अनुबंध उसी वर्ष की 1 जुलाई से शुरू होगा तथा अगस्त अंत से पूर्व किए गए आवेदनों पर नवंबर में विचार किया जाएगा।

यदि इम्पैनलमेंट आवेदन के संबंध में आप किसी प्रकार की जानकारी विस्तृत रूप से चाहते हैं तो संपर्क करें।
लीपा डेस्क

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